बार बार बच्चों को डांटने फटकारने से पड़ता है बुरा असर

0

बनीकोडर बाराबंकी ,अनलॉक एक की पाबंदीयों में छोटे बच्चे घरों में हैं ऐसे में माहौल के हिसाब से उनके सवालों पर शरारतो को सही ढंग से संभालना है ।आपकी जिम्मेदारी कोरोना संक्रमण में जारी गाइडलाइन के चलते अनलॉक एक में भी छोटे बच्चे घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। घर में रहने के कारण बच्चों का शारीरिक गतिविधि में भाग न लेना और मोबाइल या टीवी की स्क्रीन से चिपक कर समय बिताना ,पैरंट्स के लिए नई चुनौती बनता जा रहा है।

उक्त बातें हिंद इंस्टीट्यूट आफ साइंस सफेदाबाद बाराबंकी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर सी एस तिवारी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया ।उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट मानते हैं कि इस दौर में आप असरदार ढंग से बातचीत कर बच्चों का गहरा असर डाल सकते हैं। कुछ ऐसी बातें हैं जो पेरेंट्स को बच्चों से करनी चाहिए और ऐसी बातें हैं जो उनसे कभी नहीं कहनी चाहिए। जाहिर करें दुलार मे बच्चों से आई लव यू कहने से कभी मत हिचकिचाइए तीन जुदाई शब्दों का असर कभी गलत नहीं हो सकता बच्चों से प्यार उनके कामों से भी झलक ना चाहिए। बच्चों के साथ समय बिताइए, उनके साथ बातचीत कीजिए ,यह मत कहिए वह तुमने तो मुझे पागल कर दिया है ।बच्चों को गलतियों से सबक लेना सिखाइए, बच्चों को ना कहने की जगह उनसे कहिए चलो इस काम को इस तरीके से करते हैं ।अगर बच्चा कुछ गलत करता है तो तुम बड़े शरारती हो या हर समय कोई न कोई चीज खराब करते रहते हो बिल्कुल मत बोलिए ।

इसकी जगह आप यह कर सकते हैं हर कोई गलती कर सकता है कोई भी परफेक्ट नहीं होता, हिंद इंस्टिट्यूट की डॉक्टर अंजली सिंह ने बताया बच्चों की शरारती पर हम हमारा कई बार गुस्से पर कोई कंट्रोल नहीं रहता हम उन्हें बुरी तरह से डांट फटकार देते हैं जिससे उन पर गलत असर पड़ता है ।अगर आपको लगता है कि आपने कुछ गलत किया है तो आपका माफी मांगना उन पर अच्छा असर डालेगा। इसी तरह किसी मुसीबत के समय बच्चे से कहना सब कुछ ठीक हो जाएगा यह तो किसी के साथ भी हो सकता है बच्चों में हालात के मुकाबला करने की हिम्मत पैदा करता है और उनके मन में यह विश्वास पैदा होता है कि संभालने के भी मौके होते हैं बच्चों से यह कभी मत कहिए मैं तुम्हारे लिए यह काम करना बर्दाश्त नहीं कर सकता मैं किस तरह तुम्हारी ख्वाहिश पूरी कर रहा हूं इस तरह की बातें कभी नहीं कहनीचाहिए इसकी जगह उन्हें समझाएं कि आप पैसों की बचत इसलिए कर रहे हैं ताकि उसे अच्छी शिक्षा दिला सके, बच्चों पर सकारात्मक असर डालने वाले शब्दों का प्रयोग करें ,यही पालन-पोषण से बच्चे समझदार व्यक्ति बनने की दिशा में अग्रसर होते हैं। प्रेस वार्ता के समय डॉक्टर प्रतीक आस्थाना अमरेश शाही , डॉ असद अली, डॉ प्रीतम विश्वास आदि लोग मौजूद रहे ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here